:-किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को क्षति कारित करना मानहानि है।
यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की प्रतिष्ठा को क्षतिग्रस्त करता है. तो ऐसा वह स्वयं अपने जोखिम पर करता है। किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा उसकी सम्पत्ति है. और वह अन्य सम्पत्ति की अपेक्षा अधिक मूल्यवान हो सकती है।
:-मानहानि की विभिन्न विधिशास्त्रियों द्वारा भिन्न-भिन्न परिभाषाएँ दी गई हैं:-
:-अण्डरहिल= ” मानहानि ख्याति अर्थात् प्रतिष्ठा को कंलकित करने वाला ऐसा मिथ्या कथन है जिसका प्रकाशन किया जाता है। किसी की मानहानि शब्दों, संकेतों अथवा दृश्यों द्वारा की जा सकती है। इसका उद्देश्य वादी को समाज के विचारशील व्यक्तियों की दृष्टि में गिराना होता है।
:-सॉमण्ड (salmond) = ” किसी व्यक्ति के संबंध में बिना किसी विधिक औचित्य के असत्य एवं मानहानिकारक कथनों का प्रकाशन मानहानिजनक अपकृत्य हैं”
:-विनफील्ड = मानहानि किसी व्यक्ति के संबंध में प्रकाशित ऐसे कथन है जिससे समाज की दृष्टि में उस व्यक्ति की प्रतिष्ठा गिर जाती है एवं लोग उससे घृणा करने लगते हैं”