IPC :-BNS:- bhaarateey nyaay sanhita
THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023
https://drive.google.com/file/d/128X1kLlzBC5pn57ogvT5n6XfZ3iZwmoT/view?usp=drivesdk
भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस 2)2/4भारतीय न्याय (द्वितीय) अधिनियम, 2023 का उद्देश्य 1860 के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) को प्रतिस्थापित करना है।भारतीय न्याय संहिता अधिनियम, 2023 (BNS) केंद्र सरकार द्वारा पुराने भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC) को बदलने के लिये लाए गए तीन आपराधिक कानून अधिनियमों में से एक है।बीएनएस2 के तहत राजद्रोह अब अपराध नहीं है। इसके । बजाय भारत की खतरे में डालने वाले कृत्यों को अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है। संप्रभुता, एकता और अखंडता को*बीएनएस2 के तहत आतंकवाद को एक अपराध के रूप में परिभाषित किया गया है। इसे एक ऐसे कृत्य के रूप में शामिल किया गया है जिसका उद्देश्य देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा या आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डालना या लोगों में आतंक पैदा करना है।संगठित अपराध को अपराध के रूप में परिभाषित किया गया है। इसमें अपराध सिंडिकेट की ओर से किए गए अपहरण, जबरन वसूली: और साइबर अपराधः जैसे अपराध शामिल हैं। छोटे-मोटे संगठित अपराध भी अब अपराध की श्रेणी में शामिल किए गए हैं।पांच या अधिक लोगों द्वारा की गई हत्या या गंभीर चोट को अपराध के रूप में परिभाषित किया गया है। इन आधारों में नस्ल, जाति, लिंग, भाषा या व्यक्तिगत विश्वास शामिल हैं। ऐसे कृत्य के लिए कम से कम सात साल की सजा के प्रावधान के साथ ही आजीवन कारावास या मौत की सजा भी शामिल है।
CRPC :-BNSS:-bhaarateey nagrik suraksha sanhita
THE BHARATIYA NAGARIK SURAKSHA SANHITA, 2023
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस 2)4/4अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ4 जी54:*भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस2) दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) के स्थान पर लाया गया है। सीआरपीसी गिरफ्तारी, अभियोजन (प्रॉसीक्यूशन) और जमानत की प्रक्रिया प्रदान करती है।बीएनएसएस-2 सात साल या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक जांच को अनिवार्य करता है। फोरेंसिक विशेषज्ञ फोरेंसिक सबूत इकट्ठा करने और प्रक्रिया को रिकॉर्ड करने के लिए अपराध स्थलों का दौरा करेंगे।*सभी ट्रायल, पूछताछ और कार्यवाही इलेक्ट्रॉनिक मोड में संचालित की जा सकती हैं। इलेक्ट्रॉनिक संचार उपकरणों, जिनमें डिजिटल सबूत की संभावना है, को जांच, पूछताछ या ट्रायल के दौरान प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाएगी।अगर कोई घोषित अपराधी मुकदमे से बचने के लिए भाग गया है और उसकी गिरफ्तारी की तत्त्काल कोई संभावना नहीं है, तो उसकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया जा सकता है और फैसला सुनाया जा सकता है।जांच या कार्यवाही के लिए नमूना हस्ताक्षर या लिखावट के साथ-साथ उंगलियों के निशान और आवाज के नमूने भी एकत्र किए जा सकते हैं। ऐसे व्यक्ति से भी नमूने इकटठे किए सकते हैं जिसे गिरफ्तार नहीं किया गया है
https://drive.google.com/file/d/128piQptB-ZaUInZdkS-GRSgU0Oy73-Mu/view?usp=drivesdk
Evidence Act :-BS:- bhaarateey saakshy kaanoon
भारतीय साक्ष्य (दूसरा) अधिनियम, 2023 (बीएसबी 2)3/4अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ4 जी54:भारतीय साक्ष्य (दूसरा) अधिनियम, 2023 (बीएसबी 2) भारतीय साक्ष्य एक्ट, 1872 (आईईए) के स्थान पर लाया गया है। यह आईईए के अधिकांश प्रावधानों को बरकरार रखता है जिनमें इकबालिया बयान यानी कन्फेशन, तथ्यों की प्रासंगिकता और बर्डन ऑफ प्रूफ शामिल हैं।*आईईए दो प्रकार के सबूतों का प्रावधान करता है डॉक्यूमेंटरी और ओरल। डॉक्यूमेंटरी सबूत में प्राइमरी (मूल डॉक्यूमेंट) और सेकेंडरी (जो मूल डॉक्यूमेंट के कंटेंट को साबित करते हैं। सबूत शामिल हैं। बीएसबी 2 इस फर्क को बरकरार रखता है। इसमें डॉक्यूमेंट की परिभाषा में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड शामिल हैं।बीएसबी 2 सेकेंडरी सबूत का दायरा बढ़ाता है इसके तहत इसमें निम्नलिखित को शामिल किया गया है: (1) ओरल और लिखित एडमिशंस, और (ii) उस व्यक्ति की गवाही जिसने डॉक्यूमेंट की जांच की है और डॉक्यूमेंट्स की जांच में कुशल है।
THE BHARATIYA SAKSHYA BILL, 2023
https://drive.google.com/file/d/12Cn_5KjoqtdIfkBi1GQpEMKORxhPObki/view?usp=drivesdk