पिता की संपत्ति में पुत्री का अधिकार? हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 की धारा 6 के अनुसार- हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम 2005 के प्रारंभ से मिताक्षरा विधि द्वारा शासित संयुक्त हिंदू परिवार में पुत्री - क) जन्म से…

Maintenance of wife ? Hindu adoption and maintenance act-1956

भरण पोषण की परिभाषा :- भरण पोषण में जीवन की आवश्यकताये जैसे- खाना, कपड़ा और निवास आते हैं। हिंदू दत्तक ग्रहण एवं भरण पोषण अधिनियम 1956 की धारा 3 (ख)…

हिंदू स्त्री धन क्या है? स्त्री धन और स्त्री संपदा में अन्तर

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के पारित होने से पहले प्राचीन हिंदू विधि में हिंदू स्त्री द्वारा अर्जित संपत्ति दो प्रकार की होती थी- 1) स्त्री धन- जिसकी वह पूर्ण स्वामिनी…

फैक्टम वैलेट का सिद्धांत (Doctrine of Factum Valet)

फैक्टम वैलेट का सिद्धांत (Doctrine of Factum Valet):- फेक्टम वैलेट एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है- कार्य वैध है। यह एक कानूनी सिद्धांत है जो किसी अधिनियम की वैधता…

Judicial Separation in Hindu Law?

न्यायिक पृथक्करण (Judicial Separation):- हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 10 के अनुसार विवाह के पक्षकारों में से कोई पक्षकार चाहे विवाह इस अधिनियम से पहले हुआ हो या उसके…

दांपत्य अधिकारों का पुनर्स्थापना?

जब विवाह का एक पक्षकार दूसरे पक्षकार के साथ रहने से इनकार करता है तो वह पक्षकार दूसरे पक्षकार को साथ रहने के लिए बाध्य कर सकता है। पीड़ित पक्षकार…

हिंदू विवाह केलिए आवश्यक शर्तें? हिन्दू विवाह संविदा है या धार्मिक सस्कार

हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 5 में जो शर्ते दी गई है उन शर्तों का उल्लंघन होने पर किसी विवाह को शून्य और शून्यकरणीय घोषित किया जाता है। एक…

हिन्दू विधि के प्रमुख स्रोत? प्राचीन व आधुनिक स्रोत

हिन्दू विधि के स्रोत (Sources of Hindu Law) हिन्दू विधि के नियम जिन साधनों से प्राप्त हुये है उन्हें हिन्दू विधि का स्रोत कहां जाता है। हिन्दू विधि को दो…

हिन्दू विधि की प्रमुख शाखाएं? मिताक्षरा व दायभाग शाखा

प्रारंभ में हिंदू विधिशास्त्र की कोई शाखा नहीं थी। हिंदू विधिशास्त्र समस्त क्षेत्रो पर लागू था लेकिन कुछ समय बाद स्मृतियों की व्याख्या के लिये अनेक टीकाएं विभिन्न विद्वानों द्वारा…

हिन्दू कौन है? क्या धर्म परिवर्तन द्वारा हिन्दू हो सकते हैं

हिंदू विधि जिन व्यक्तियों पर लागू होती है उन्हें हम तीन वर्गों में बांट सकते हैं- 1) वे व्यक्ति जो धर्म से हिंदू, जैन, बौद्ध या सिक्ख है। 2) वे…