“यह आवश्यक नहीं कि प्रस्तावना किसी निश्चित व्यक्ति को की जाये परंतु कोई संविदा तब तक उत्पन्न नहीं होती जब तक कोई निश्चित व्यक्ति उसका प्रतिग्रहण न करें”

Carlil V. Carbolic Smoke Ball Company:-इस वाद में प्रतिवादी कंपनी ने विज्ञापन दिया कि जो व्यक्ति उनकी दवा बताई गई विधि के अनुसार प्रयोग करने के बावजूद भी ठंड के बुखार से पीड़ित होगा उसे 100 पाउंड इनाम दिया जाएगा विज्ञापन में यह भी कहा गया की कंपनी इस प्रस्तावना को गंभीरता से प्रस्तुत कर रही है और इसके साक्ष्य में कंपनी ने 1000 पाउंड रिलायंस बैंक में जमा कर दिए हैं वादी जो एक स्त्री थी ने यह दावा किया की दवा प्रयोग करने के बाद भी वह ठंड के बुखार से पीड़ित हुई इसलिए उसे 100 पाउंड मिलने चाहिए

कंपनी का यह कहना था कि उनका संविदा करने का कोई आशय नहीं था यह विज्ञापन केवल दवा की बिक्री बढ़ाने के लिए किया गया था प्रतिग्रहण की संसूचना उन्हें नहीं दी गई थी और न ही इस बात का कोई सबूत था कि दवा वास्तव में बताई विधि के अनुसार सेवन की गई थी या नहीं इन सब तर्कों के बावजूद भी कंपनी को उत्तरदायी ठहराया गया।

प्रथम तर्क को ठुकराते हुए बोवन एल जे ने कहा

:-क्या यह आशय था कि शर्तें पूरी होने पर 100 पाउंड वास्तव में दिए जायेंगे ? विज्ञापन यह कहता है कि इस उद्देश्य के लिये 1000 पाउंड बैंक में रख दिए गए हैं इसलिए यह नहीं कहा जा सकता 100 पाउंड देने का वचन केवल धुएं की लकीर की तरह व्यर्थ था।

विद्वान न्यायाधीश ने इस गलतफहमी को भी दूर किया कि कोई भी प्रस्तावना जनता के प्रति नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा: ऐसी प्रस्तावना क्यों नहीं की जा सकती जो ऐसे व्यक्ति के साथ संविदा बन सके जो उसकी शर्तों को पूरा करें? ऐसी प्रस्तावना का तात्पर्य यह होता है कि इसके रद्द होने के पूर्व जो भी व्यक्ति इसकी शर्तें पूरी करेगा उसके प्रति दायित्व उत्पन्न हो जाएगा और चाहे ऐसी प्रस्तावना जनता के प्रति की जाती है संविदा केवल ऐसे व्यक्ति या व्यक्तियों से होती है जो इसकी शर्तें पूरी करते हैं।

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