असावधानी (उपेक्षा) की परिभाषा और इसके आवश्यक तत्व
असावधानी अर्थात् उपेक्षा को अनवधानता एवं लापरवाही के नाम से भी सम्बोधित किया जाता है। परिभाषा-असावधानी (उपेक्षा) को कई तरह से परिभाषित किया गया है। विनफील्ड के अनुसार "उपेक्षा एक…
असावधानी अर्थात् उपेक्षा को अनवधानता एवं लापरवाही के नाम से भी सम्बोधित किया जाता है। परिभाषा-असावधानी (उपेक्षा) को कई तरह से परिभाषित किया गया है। विनफील्ड के अनुसार "उपेक्षा एक…
सामान्यतया किसी भी कार्य के लिए वही व्यक्ति उत्तरदायी होता है जिसके द्वारा वह कार्य किया जाता है। कोई अन्य व्यक्ति ऐसे कार्य के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता।…
सन् 1726 तक ईस्ट इण्डिया कंपनी भारत में अपने पाँव फैला चुकी थी। उसने मद्रास, बम्बई तथा कलकत्ता में न केवल आंग्ल बस्तियाँ स्थापित कर ली थी, अपितु यहाँ की…
• भारतीय संविदा अधि. 1872 एक मौलिक विधि है यह भूतलक्षी प्रभाव नहीं रखती। • भारतीय संविदा अधिनियम में सामान्य सिद्धांतों को 6 अध्यायों में रखा गया है जिन्हें कुल…
क्षतिपूर्ति की संविदा एक विशिष्ट प्रकार की संविदा है। इसमें पर-व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को कारित क्षति की पूर्ति का दायित्व अपने ऊपर लेता है जबकि सामान्य प्रकृति की संविदाओं में…
भारत में प्रथम बार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम सन् 1986 में पारित किया गया जो लगभग 34 वर्षों तक प्रभाव में रहा। देश, काल एवं परिस्थितियों में बदलाव आने से जब…
विधि का यह सुस्थापित सिद्धान्त है कि किसी भी व्यक्ति को उसके लापरवाहीपूर्वक कृत्यों से उद्भूत होने वाली प्रत्येक हानि के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है; क्योंकि किसी…
'मेयर ऑफ ब्रेडफोर्ड कॉरपोरेशन बनाम पिकिल्स' (1895)ए.सी. 587] का एक महत्त्वपूर्ण मामला है। इस मामले में प्रतिवादी किसी बात को लेकर वादी से नाराज था। प्रतिवादी ने अपनी भूमि में…
उत्तर- भारत में अपकृत्य विधि के उद्भव का इतिहास सन् 1726 के चार्टर से जुड़ा हुआ है। सन् 1726 के चार्टर के अन्तर्गत कलकत्ता, बम्बई एवं मद्रास के प्रेसीडेन्सी नगरों…
एआईआर 2001 सुप्रीम कोर्ट 3958 जी.बी. पटनायक, एस. राजेंद्र बाबू, डी.पी. महापात्र, दोरैस्वामी राजू। और शिवराज वी. पाटिल. जे.जे. डेनियल लतीफी और अन्य, याचिकाकर्ता बनाम भारत संघ, प्रतिवादी। अपराधी पी.सी.…