डी० पी० चौधरी बनाम मंजूलता :- में जोधपुर के एक दैनिक समाचार पत्र में दिनांक 18-12-77 को एक समाचार छपा कि वादी मंजूलता पूर्व रात्रि को 11 बजे घर से कालेज पढ़ने के बहाने घर से गई और कमलेश नामक एक नवयुवक के साथ भाग गई। मंजुलता एक अच्छे पढ़े-लिखे परिवार से सम्बन्धित थी और वह स्वयं भी बी० ए० की छात्रा थी। उसकी उस समय आयु 17 वर्ष थी। यह समाचार असत्य था और बिना किसी औचित्य के गैर जिम्मेदारी से छापा गया था। इससे वादी का उपहास (ridicule) हुआ और उसकी शादी की भावी सम्भावना (Prospects) भी कम हो गई। समाचार पत्र में इस असत्य कथन को मानहानिकारक माना गया तथा उसके लिये प्रतिवादी उत्तरदायी ठहराये गये।